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WTC Final: अब रोके नहीं रुकेगी साउथ अफ्रीका, मिट जाएगा दामन पर लगा दाग, पहली बार चैंपियन बनना तय!

WTC Final: स्टेज सज चुका है। लॉर्ड्स के मैदान पर विश्व क्रिकेट की दो धाकड़ टीमें टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी ट्रॉफी को पाने के लिए 11 जून से भिडेंगी। खिताबी मुकाबले के इन पांच दिनों में कई रिकॉर्ड्स बनते और टूटते नजर आएंगे। साउथ अफ्रीका अपने दामन पर लगे चोकर्स के दाग को धोने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। वहीं, ऑस्ट्रेलिया टाइटल को डिफेंड करने के लिए अपना सबकुछ झोंकने को तैयार होगी। हालांकि, कंगारू टीम का सपना इस बार पूरा नहीं होगा। प्रोटियाज टीम इस बार नया इतिहास लिखने उतरेगी। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि साउथ अफ्रीका के कप्तान टेंबा बावुमा का एक जबरदस्त रिकॉर्ड इस ओर इशारा कर रहा है।

साउथ अफ्रीका का चैंपियन बनना तय!

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भले ही ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी नजर आ रहा हो, लेकिन इस बार लॉर्ड्स के मैदान पर साउथ अफ्रीका के हाथ ऐतिहासिक जीत लगेगी। दरअसल, प्रोटियाज टीम के कप्तान टेंबा बावुमा का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट में लाजवाब रहा है। बावुमा की कप्तानी में आजतक साउथ अफ्रीका की टीम कोई भी टेस्ट मैच नहीं हारी है। बावुमा ने साउथ अफ्रीका की अब तक कुल 9 मैचों में कैप्टेंसी की है। इसमें से टीम को 8 में जीत दिलाई है, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है। यानी बावुमा का टेस्ट में साउथ अफ्रीका की कप्तानी करना जीत की गारंटी है। अब अगर यही रिकॉर्ड डब्ल्यूटीसी फाइनल में भी जारी रहा, तो ऑस्ट्रेलिया के लिए साउथ अफ्रीका को रोक पाना आसान नहीं होगा।

क्या कहते हैं हेड टू हेड के आंकड़े?

क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच अब तक कुल 101 मैच खेले गए हैं। इस दौरान 54 में जीत कंगारू टीम के हाथ लगी है। वहीं, 26 मैचों में मैदान प्रोटियाज टीम ने मारा है। यानी ऑस्ट्रेलिया की टीम साउथ अफ्रीका पर पूरी तरह से हावी नजर आई है।

कैसी खेलती है लॉर्ड्स की पिच?

साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल की मेजबानी इंग्लैंड का ऐतिहासिक लॉर्ड्स स्टेडियम करेगा। लॉर्ड्स में गेंद काफी लहराती है और तेज गेंदबाज शुरुआती सेशन में जमकर कहर बरपाते हैं। पिच में नमी रहने तक फास्ट बॉलर्स का लॉर्ड्स में जलवा रहता है और बल्लेबाज पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है वैसे ही पिच बल्लेबाजी के लिए बेहतर होती चली जाती है। साल 1980 से लेकर अब तक ऑस्ट्रेलिया ने लॉर्ड्स में कुल 12 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्हें 7 में जीत नसीब हुई है, जबकि 2 मैचों में टीम को हार झेलनी पड़ी है और 3 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। स्टीव स्मिथ, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे प्लेयर्स को इस मैदान पर खेलने का अच्छा खासा अनुभव मौजूद है।

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