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Paris Olympics: 1-1 से मुकाबला रहा टाई तो कैसे हार गईं रीतिका हुड्डा? जान लें रेसलिंग का ये नियम

Paris Olympics Reetika Hooda Medet Kyzy: पेरिस ओलंपिक में भारत की 21 साल की रेसलर रीतिका हुड्डा बेहतरीन लय में नजर आ रही थीं। उन्होंने 76 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन किर्गिस्तान की रेसलर मेडेट काइजी से हार गईं। क्वार्टर फाइनल में रीतिका ने बेहतरीन शुरुआत की। वह शुरू से ही हावी नजर आ रही थीं। उन्होंने दूसरे ही मिनट में एक पॉइंट लेकर बढ़त हासिल कर ली, लेकिन मेडेट काइजी ने थोड़ी ही देर में 1 पॉइंट हासिल कर इस बढ़त को बराबर कर दिया। आखिरकार मुकाबला 1-1 पर खत्म हुआ और काइजी विनर मान ली गईं। अब सवाल ये कि अगर मुकाबला टाई रहा तो रीतिका हुड्डा कैसे हार गईं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं नियम…

इस नियम से हार गईं रीतिका हुड्डा

दरअसल, मेडेट काइजी ने दूसरे राउंड में पैसिविटी पॉइंट हासिल किया था। फ्री स्टाइल कुश्ती में एक पहलवान को पैसिविटी पॉइंट तब दिया जाता है जब विरोधी पहलवान में आक्रामकता की कमी हो या वह निष्क्रिय हो जाए। इसमें विरोधी पहलवान को रेफरी से मौखिक चेतावनी मिलती है। इसके बावजूद वह वही रुख अपनाए रहता है तो सामने वाले रेसलर के लिए 30 सेकंड की स्कोरिंग विंडो जारी की जाती है। जिसमें वह आसानी से स्कोर कर सकता है। काइजी ने इसी के तहत पैसिविटी पॉइंट हासिल किया था। रीतिका ने अपने खेल के दौरान कई बचाव किए, लेकिन वह काउंटबैक नियम के कारण हार गईं। इस नियम के मुताबिक, बराबरी की स्थिति में जो पहलवान आखिरी अंक जीत लेता है, वह मुकाबला जीत जाता है। इसलिए मुकाबला 1-1 से बराबर होने के बावजूद रीतिका मुकाबला हार गईं।

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