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टीम इंडिया ने ‘चार’ के फेर में फंसाया, रोहित-गंभीर का साहसिक फैसला काम आया, दुबई में चल गया मास्टर स्ट्रोक

Rohit-Gambhir Decision: चैंपियसं ट्रॉफी 2025 के लिए जब टीम इंडिया का ऐलान हुआ था, तो हर कोई हैरान था। मोहम्मद सिराज को ड्रॉप कर दिया गया था और चार स्पिनर्स को टीम में जगह मिली थी। हर किसी का कहना था कि कप्तान रोहित और हेड कोच गौतम गंभीर को यह फैसला काफी भारी पड़ सकता है। फिर इंग्लैंड सीरीज के दौरान बुमराह के बाहर होने की खबर आई। इसके बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने एक बार फिर हर किसी को चौंकाया और बुमराह के स्थान पर वरुण चक्रवर्ती को स्क्वॉड में शामिल कर लिया। यानी टीम इंडिया ने पांच स्पिनर्स के साथ दुबई की फ्लाइट पकड़ी।

क्रिकेट के जानकारों ने कहा कि रोहित-गंभीर ने यह एक बड़ा जुआ खेला है, जो अगर फिट नहीं बैठा तो दुबई में शर्मसार होना पड़ेगा। हालांकि, कप्तान और कोच को अपने निर्णय पर यकीन था। रोहित और गौतम अपनी रणनीति पर अडिग रहे और उनका यह मास्टर स्ट्रोक टीम इंडिया को तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिला ले गया।

बांग्लादेश के खिलाफ नहीं चला प्लान

दुबई पहुंचते ही पहला मैच बांग्लादेश के खिलाफ हुआ, जहां कप्तान रोहित ने तीन स्पिनर्स उतरे। पिच से स्पिनर्स को पहले मैच में कोई खास मदद नहीं मिली, लेकिन टीम इंडिया जीत का खाता खोलने में सफल रही। 23 फरवरी को भारत-पाकिस्तान के महामुकाबले में कुलदीप की फिरकी का जादू चला और उन्होंने तीन विकेट अपनी झोली में डाले, तो रविंद्र जडेजा भी किफायती रहे।

कीवियों से शुरू हुआ असली खेल

हालांकि, असली खेल शुरू हुआ न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले के साथ। रोहित ने बड़ा दांव चला और इस मैच में तीन की जगह चार स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरने का फैसला लिया गया। हर्षित बेंच पर बैठे और वरुण की प्लेइंग 11 मे एंट्री हुई। यह फैसला मानो टीम इंडिया को नया गेम प्लान दे गया। वरुण कीवी बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटे और उन्होंने पंजा खोलते हुए पांच विकेट अपने नाम कर लिए।

सेमीफाइनल में हर किसी को लगा कि शायद हर्षित राणा की प्लेइंग 11 में वापसी होगी। हालांकि, कप्तान रोहित अपने फैसले पर अडिग रहे और चार स्पिनर्स के साथ ही मैदान पर उतरे। कुलदीप, अक्षर, वरुण और जडेजा की चौकड़ी ने कंगारू बल्लेबाजों को ऐसा नाच नचाया कि पूरी टीम ने 264 रनों पर सरेंडर कर दिया। फाइनल का टिकट मिला, तो यह बात पक्की हो गई कि यही फॉर्मूला खिताबी मुकाबले में भी आजमाया जाएगा।

फाइनल में भी काम कर गया मास्टर स्ट्रोक

फाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने शुरुआत ओवरों में ताबड़तोड़ शुरुआत की। हालांकि, जैसे ही कप्तान रोहित ने गेंद स्पिनर्स के हाथों में थमाई पूरा खेल ही पलट गया। वरुण और फिर कुलदीप यादव की फिरकी ने कीवी बल्लेबाजों के सिर चकरा दिए। दोनों ने मिलकर न्यूजीलैंड के टॉप और मिडिल ऑर्डर को साफ कर दिया। दूसरे छोर से जडेजा ने लगातार किफायती गेंदबाजी करते हुए वो प्रेशर बनाया, जिसके चलते न्यूजीलैंड के बल्लेबाज गलती करने पर मजबूर हुए। दुबई के मैदान पर भारतीय स्पिनर्स के सामने कीवी बैटर्स की बेबसी साफतौर पर दिखाई दी और टीम बोर्ड पर 251 रन ही लगा सकी।

रोहित-गंभीर का साहसिक फैसला टीम इंडिया के लिए वो मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ, जिसके आगे हर बड़ी टीम ने घुटने टेक दिए। एक महीने पहले अजीबोगरीब लग रहे फैसले को लेकर ही अब कप्तान रोहित की पीठ थपथपाई जा रही है और हर कोई आखिरी समय पर टीम में शामिल किए गए वरुण चक्रवर्ती को सबसे बड़ा गेम चेंजर बता रहा है।

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