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पूर्व निशानेबाज को मिली एशिया ओलंपिक काउंसिल की गद्दी, यह जिम्मेदारी पाने वाले बने पहले भारतीय

Randhir Singh: एशिया ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष पद की कुर्सी कई दिनों से खाली चल रही थी. हालांकि रविवार 8 सितंबर को पूर्व भारतीय निशानेबाज रणधीर सिंह एशिया ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष चुन लिए गए। रणधीर सिंह को 44वीं आम सभा मीटिंग में ओसीए का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है।

45 देशों की मैजूदगी में रचा इतिहास

रणधीर सिंह को 45 देशों की अधिकारियों की बैठक में एशिया ओलंपिक परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। रणधीर पंजाब के पटियाला से आते हैं। 77 साल की उम्र में उन्होंने इतिहास रच दिया है। रणधीर पहले भारतीय ओसीए अध्यक्ष बने हैं। इससे पहले कोई भी भारतीय ओसीए अध्यक्ष नहीं बना था। रणधीर खुद निशानेबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। जबकि उनके चाचा महाराजा यादविंद्र सिंह ने भी टीम इंडिया के लिए टेस्ट खेला है। रणधीर के पिता भलिंद्र सिंह भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके हैं।

रणधीर के पिता साल 1947 से 1992 के बीच आईओसी के सदस्य रह चुके हैं। चार एशियाई खेलों में भाग लेने वाले रणधीर ने भारत के लिए शानदार प्रदर्शन भी किया था। उन्होंने 1978 में ट्रैप निशानेबाजी में स्वर्ण जीता था। इसके बाद साल 1982 में कांस्य और साल 1986 में रजत जीता था। रणधीर कनाडा में आयोजित हुए साल 1978 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी भाग ले चुके हैं।

साल 2012 तक रहे महासचिव

रणधीर ने पहली बार 1987 में खेल प्रशासन में प्रवेश किया। इस दौरान उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ का महासचिव भी चुना गया और वह इस पद पर साल 2012 तक रहे। उन्हें साल 1987 में भारतीय खेल प्राधिकरण संचालन बोर्ड के सदस्य के रूप में भी चुना गया था। रणधीर इस पद पर साल 2012 तक विराजमान रहे थे।

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