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Vinesh Phogat से पहले इन भारतीय एथलीट्स पर भी हो चुका है एक्शन, छीन लिया गया था पदक

Paris Olympics 2024 में भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट को निर्धारित वजन से 100 ग्राम ज्यादा पाए जाने पर अयोग्य करार दे दिया गया और उन्हें फाइनल मैच खेलने से रोक दिया गया। विनेश फोगाट ने कुश्ती की खेल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था। महिलाओं की 50 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं विनेश फोगाट से भारत के करोड़ों खेल प्रशंसकों को मेडल की उम्मीद थी। लेकिन, फाइनल मैच से पहले उन पर हुई कार्रवाई से सभी का दिल टूट गया। इस बीच लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या पहली बार किसी भारतीय खिलाड़ी पर ये कार्रवाई हुई है या फिर पहले भी भारतीय खिलाड़ियों पर एक्शन हो चुका है। आइए इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि अब तक किन-किन भारतीय खिलाड़ियों पर कार्रवाई हो चुकी है।

परवीन हुड्डा 

परवीन हुड्डा को पेरिस ओलंपिक-2024 में बॉक्सिंग की 57 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करना था। ओलंपिक से पहले वह डोपिंग में फंस गईं थीं, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (ITA) ने उन्हें निलंबित कर दिया था। निलंबन के साथ ही परवीन हुड्डा से एशियाई खेल-2022 में जीता हुआ ब्रॉन्ज मेडल भी छीन लिया गया था। परवीन हुड्डा के निलंबन से भारत ने एक ओलंपिक कोटा भी खो दिया था।

सीमा अंतिल

सीमा अंतिल डिस्कस थ्रो में 4 बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता रही हैं। सीमा अंतिल को स्यूडोएफेड्रिन दवा के सेवन का दोषी पाया गया था, जिसके बाद राष्ट्रीय महासंघ ने उन्हें सार्वजनिक चेतावनी दी और उनसे 2022 का विश्व जूनियर चैंपियनशिप में जीता हुआ गोल्ड मेडल भी छीन लिया गया था। स्यूडोएफेड्रिन नामक दवा का इस्तेमाल उत्तेजक दवा के रूप में किया जाता है।

सुनीता रानी 

सुनीता रानी को भारत सरकार ने पद्म श्री के सम्मान से नवाजा है। सुनीता रानी डोपिंग परीक्षण में फेल हो गईं थीं, जिसके बाद उनसे 2002 के एशियाई खेलों में जीता गया 1 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज मेडल छीन लिया गया था। हालांकि जांच के बाद उन्हें पदक लौटा दिया गया।

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सौरभ विज 

सौरभ विज ने 2022 के एशियाई खेलों में एथलेटिक्स की शॉट पुट की स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता था। एशियाई खेलों के बाद उन्हें प्रतिबंधित उत्तेजक पदार्थ के लिए पॉजीटिव पाया गया, जिसके चलते उनपर 2 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि भारत की राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी ने उन्हें बरी कर दिया गया था, जिससे वह राष्ट्रमंडल खेल में वापस मैदान पर लौट आए थे।

अनिल कुमार और नीलम सिंह 

अर्जुन पुरस्कार विजेता और डिस्कस थ्रोअर अनिल कुमार और नीलम सिंह को भी डोपिंग के चलते 2 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।अनिल कुमार को इंचियोन में एशियाई चैंपियनशिप से अयोग्य घोषित कर दिया गया था और उनका ब्रॉन्ज मेडल भी छीन लिया गया था। वहीं, नीलम सिंह से भी राष्ट्रमंडल खेलों में उनका जीता हुआ ब्रॉन्ज मेडल छीन लिया गया था।

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हरीकृष्णन मुरलीधरन, मंदीप कौर, सिनी जोस और अश्विनी अंकुजी 

भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने 2011 में 6 महिला एथलीटों पर 1 साल का प्रतिबंध लगाया था। इसमें 2010 के राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में 3 गोल्ड मेडल जीतने वाली एथलीट हरिकृष्णन मुरलीधरन भी शामिल थीं। इसके अलावा मंदीप कौर, सिनी जोस अश्विनी अकुंजी पर भी प्रतिबंध लगाया गया था, जो रिले टीम का हिस्सा थीं। इन सभी को डोपिंग टेस्ट में फेल पाया गया था।

शांति सौन्दरजन

शांति सौन्दरजन महाद्वीपीय खेलों में पदक जीतने वाली पहली तमिल महिला हैं। शांति ने 2006 में दोहा के एशियाई खेलों में महिलाओं की 800 मीटर दौड़ की स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद वह लिंग परीक्षण में फेल हो गईँ थीं। लिंग परीक्षण में फेल होने पर उनसे ये सिल्वर मेडल छीन लिया गया था।

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