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सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में डेब्यू, सिर्फ 2 वनडे खेले, फिर खत्म हो गया इस ओपनर का करियर

Cricketer Sujith Somasundar Story: अपने देश की जर्सी पहनकर खेलने का सपना लगभग हर क्रिकेटर का होता है। फिर जब वो सपना पूरा होता है तो क्रिकेटर चाहता है कि लंबे समय तक खेलकर रिकॉर्ड बनाए और देश का नाम रोशन करे, लेकिन कुछ खिलाड़ियों की किस्मत शायद इतनी अच्छी नहीं होती। उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिल पाते। फिर वे गुमनाम हो जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही क्रिकेटर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर 2 वनडे मैच खेले, लेकिन अब शायद उसका नाम किसी को याद हो।

सचिन तेंदुलकर के साथ की ओपनिंग 

ये कहानी है भारत के पूर्व क्रिकेटर सुजीत बिजहल्ली सोमसुंदर की। सोमसुंदर कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हैदराबाद में 17 अक्टूबर 1996 को डेब्यू किया था, लेकिन दो मैच के बाद ही वे टीम इंडिया से बाहर हो गए। इसके बाद उन्हें कभी टीम में मौका नहीं मिला। खास बात यह है कि सोमसुंदर सचिन तेंदुलकर के साथ ओपनिंग करते थे। उन्हें तेंदुलकर की कप्तानी में ही डेब्यू करने का मौका मिला था। डेब्यू मैच में उन्होंने 39 मिनट क्रीज पर बिताए, लेकिन 9 रन बनाकर आउट हो गए। इस मैच में वे अभागे रहे और रनआउट होकर पवेलियन लौटे। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में डेब्यू करने के बाद उन्हें दूसरा मौका ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में मिला। हालांकि इस मुकाबले में वे 32 गेंदों में सिर्फ 7 रन बना सके। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में कभी मौका नहीं मिला।

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राहुल द्रविड़ के साथ डोमेस्टिक क्रिकेट डेब्यू 

कर्नाटक के साथ घरेलू सर्किट में सोमसुंदर ने धांसू प्रदर्शन के बूते टीम इंडिया में जगह बनाई थी। उन्होंने रणजी ट्रॉफी 1990-91 में कर्नाटक के लिए डेब्यू किया। उन्होंने अपना पहला मैच महाराष्ट्र के खिलाफ फरवरी 1991 में खेला। खास बात यह है कि इस मुकाबले में राहुल द्रविड़ ने भी डेब्यू किया था। सोमसुंदर को पूर्व भारतीय क्रिकेटर गुंडप्पा विश्वनाथ काफी सपोर्ट करते थे। वह क्लब सिटी क्रिकेटर्स के लिए खेलने वाले सोमसुंदर से प्रभावित थे।

रणजी ट्रॉफी में मचाई तबाही

1994-95 में उन्होंने बल्ले से जमकर तबाही मचाई। उन्हें ओपनिंग करने के लिए कहा गया, तो गोवा के खिलाफ शतक बनाकर उन्होंने तबाही मचा दी। उन्होंने 1995-96 रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक की जीत में बड़ी भूमिका निभाई और दो शतकों के साथ पांच अर्धशतक ठोके। इसके बाद ही उन्हें टाइटन कप के लिए टीम इंडिया में जगह मिली। हालांकि टीम इंडिया में जगह नहीं मिलने के बावजूद सोमसुंदर ने अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा। उन्होंने रणजी ट्रॉफी 1997-98 सीजन में तबाही मचाते हुए 629 रन ठोके। 2002 में उन्होंने केरल के लिए खेलते हुए त्रिपुरा के खिलाफ डबल सेंचुरी ठोक अपना हाईऐस्ट फर्स्ट क्लास स्कोर बनाया। इसी सीजन में उन्होंने 1000 से ज्यादा रन बनाए। बाद में वह सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए 2007 में रिटायर हुए। सुजीत ने 99 फर्स्ट क्लास मैचों में 5525 और 66 लिस्ट ए मैचों में 2121 रन बनाए। वह केरल के कोच भी रह चुके हैं।

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अब क्या करते हैं सुजीत? 

सुजीत अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से जुड़े हैं। वह नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में यंग टैलेंट को दिशा दिखाते हैं। सुजीत एनसीए में हेड ऑफ एजुकेशन हैं।

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