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दादा संगीतकार, चाचा फुटबॉलर फिर कैसे हुई राफेल नडाल की टेनिस में एंट्री, बेहद दिलचस्प है कहानी

Rafael Nadal Retirement: लाल बजरी के बादशाह कहे जाने वाले राफेल नडाल ने टेनिस के खेल को अलविदा कहने का फैसला ले लिया है। नडाल डेविस कप फाइनल्स टूर्नामेंट में आखिरी बार कोर्ट पर नजर आएंगे। अपने करियर में 22 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले नडाल के संन्यास के साथ ही एक युंग का अंत हो गया। नडाल पिछले काफी समय से इंजरी से जूझ रहे थे और पिछले साल से अब तक सिर्फ चार ही टूर्नामेंट में हिस्सा ले पाए। महज 19 साल की उम्र में दिग्गज रोजर फेडरर को सेमीफाइनल में हराकर नडाल पहली बार सुर्खियों में आए थे और वह फ्रेंच ओपन के खिताब को अपने नाम करने में सफल रहे थे। हालांकि, नडाल की टेनिस कोर्ट तक पहुंचने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। नडाल के दादा संगीतकार थे और चाचा फुटबॉल की दुनिया के जाने-माने खिलाड़ी।

कैसे रखा टेनिस की दुनिया में नडाल ने पहला कदम

राफेल नडाल का जन्म 3 जून 1986 को स्पेन के मेलौर्का शहर में हुआ। नडाल एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहां खून में ही खेल है। नडाल के चाचा फुटबॉल जगत के दिग्गज खिलाड़ी थे। नडाल टेनिस कोर्ट पर पहली बार महज चार साल की उम्र में उतरे। नडाल ने अपने दूसरे चाचा टोनी नडाल की देखरेख में टेनिस की बारीकियों को सीखा। दाएं हाथ से पढ़ाई-लिखाई करने वाले नडाल ने जबरदस्त प्रैक्टिस के दम पर बाएं हाथ से फोरहैंड शॉट खेलने में महारत हासिल कर ली। जूनियर टूर्नामेंट में नडाल ने अपना जलवा बिखेरना जल्द ही शुरू कर दिया और 2002 में वह विबंलडन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहे।

महज 18 साल की उम्र में रचा इतिहास

राफेल नडाल पहली बार सुर्खियों में तब आए, जब उन्होंने साल 2004 में महज 18 साल की उम्र में डेविस कप के खिताब को अपने नाम किया। नडाल डेविस कप को जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। उन्होंने फाइनल मैच में उस समय विश्व के नंबर दो खिलाड़ी एंडी रॉडिक को मात देते हुए सनसनी फैला दी। इसके बाद नडाल ने इस टाइटल को चार और बार अपने नाम किया।

फेडरर के खिलाफ सबसे यादगार फाइनल

राफेल नडाल ने बेहद कम उम्र में ही टेनिस की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान कायम कर ली। साल 2006, 2007 में रोजर फेडरर के हाथों विंबलडन के फाइनल में हार झेलने के बाद नडाल ने 2008 में ऐसा जादुई खेल खेला, जिसका हर कोई मुरीद हो गया। नडाल ने फेडरर के खिलाफ लगभग पांच घंटे चले मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए विंबलडन के टाइटल को अपने नाम किया। साल 2010 में चार ग्रैंड स्लैम और ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने के बाद नडाल को करियर गोल्डन स्लैम से नवाजा गया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे खिलाड़ी बने।

लाल बजरी के बादशाह नडाल

नडाल को लाल बजरी से हमेशा ही खास प्यार रहा। साल 2005 में नडाल ने डेब्यू में ही बेहतरीन खेल दिखाते हुए रोलैंड-गैरोस के खिताब को पहली बार अपने नाम किया। ब्योर्न बोर्ग के बाद नडाल लगातार चार बार फ्रेंच ओपन जीतने वाले महज दूसरे खिलाड़ी बने। 2006 से लेकर 2008 के बीच में नडाल का फ्रेंच ओपन फाइनल में दिग्गज रोजर फेडरर से सामना हुआ और हर बार नडाल को फेडरर को मात देने में चार सेट से ज्यादा नहीं लगे। बस यहीं से नडाल को लाल बजरी का बादशाह कहा जाने लगा। नडाल ने अपने करियर में सबसे ज्यादा 14 फ्रेंच ओपन टाइटल को अपने नाम किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।

22 ग्रैंड स्लैम के साथ खत्म हुआ करियर

राफेल नडाल ने अपने करियर में कुल 22 ग्रैंड स्लैम जीते। नडाल ने टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर को इस मामले में पीछे छोड़ा। फेडरर ने अपने करियर में कुल 20 ग्रैंड स्लैम जीते। नडाल से ज्यादा ग्रैंड स्लैम सिर्फ नोवाक जोकोविच ही जीत सके हैं, जिनके पास अब तक कुल 24 ग्रैंड स्लैम मौजूद हैं।

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